चतुर किसान और जादुई बीज: Chatur Kisan aur Jadue Beej

रघुनाथ उसे देखकर काफी खुश होता है और वो अपनी फसल काटकर उसे बेच देता है । रघुनाथ उस बीज को वहां से निकाल लेता हैं और उसे फसल से हर बार से भी ज्यादा मुनाफा होता है। वो उस मुनाफे से बेहद खुश होता है और उससे वो अपने दोस्त की बेटी की शादी में मदद करता हैं । उसका दोस्त उसे धन्यवाद करता है और वो बेहद खुश होता हैं। रघुनाथ की पत्नी को भी इन सब से बेहद आश्चर्य होता हैं। वह रघुनाथ से पूछती है कि उसने ये सब कैसे किया। रघुनाथ अपनी पत्नी को उस जादुई बीज (चतुर किसान और जादुई बीज हिंदी कहानी) के बारे में बता देता है। रघुनाथ अपनी पत्नी से बात करने के बाद सो जाता है। रघुनाथ की पत्नी के मन में लालच आता है और वो उस बीज को लेती है